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def compound_interest(principal, rate, time, periods): amount = principal * (1 + rate / periods) ** (periods * time) interest = amount - principal return amount, interest def main(): principal = float(input("Enter Principal Amount (Rs.): ")) rate = float(input("Enter Annual Rate (as a decimal): ")) time = float(input("Enter Time Period: ")) period_unit = input("Enter Period Unit (e.g., years, months, days): ") periods = float(input(f"Enter Period Value (in {period_unit}): ")) total_amount, interest_earned = compound_interest(principal, rate, time, periods) print(f"\nTotal Amount after {time} {period_unit}: Rs. {total_amount:.2f}") print(f"Interest Earned: Rs. {interest_earned:.2f}") if __name__ == "__main__": main()

Laxmi pujan -Vidhi -hindhi&Dewali Puja vidhi 2023 मराठी

      हँलो दोस्तों मे रामकुष्ण भोसले -हमारे ब्लॉग में welcome to follow me 

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Laxmi pujan Vidhi&Dewali Puja vidhi 2023
1)लक्ष्मी पूजा करते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहीए,laxmi pujan

                        लक्ष्मी जी के मंत्रो का जाप करने के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग करना चाहिए। इससे वे अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं। मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।। इस मंन्त्र शांति समृध्द प्रधान होती है? 


2)Sree laxmi mantra
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट।। अगर शुक्रवार के दिन उपर्युक्त मंत्र से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाए तो जीवन में हमेशा ही मां की कृपा हम पर बरसती रहेगी?


Lakshmi puja

Laxmi pujan -Vidhi -hindhi&Dewali Puja vidhi 2023 मराठी

Laxmi pujan -Vidhi -hindhi&Dewali Puja vidhi 2023 मराठी



     दीवालीतिल लक्ष्मीपूजन-आश्विन वादी आमवशा ह लक्ष्मीपूजनच दिवस होय या दीवशी लक्ष्मी-कुबेर पूजन वा वहीपूजन व्यपारी,
मंडली करता           parambi प्रांभि गाडीवर व. लोडवर कुंकवाणे स्वातिख काढावे। नवीन वह्यंवर शालिवाहन शक, संवत्सराचे नाव, तिथि, वार लिहावे। मैं तसेच आपली ग्राम-देवता, कुलदेवता, श्रीगजानन, महालक्ष्मी, यांची, नाव, लिहावित        वहीवर। स्वास्तिक काधुन त्या वह्या गाढीवरा*

 ठेवाव्यात ताट अथवा वाटीत  सोन्याची आंगठी, काही रूपये  व एक सुपारी ठेवावी। शुध्द जलाने भरून एक कलश ठेवावा। Wahivar.Swastik kaadhun tya wahya गाढीवर ठेवाव्यात 

              Taamhnat athvwa vaati  Madhe sonyachi आंगठी,काही रूपये व एक सुपारी ठेवावी.शुध्द जलाने भरून एक कलश ठेवावा.त्या कलशावर नारळ ठेवावा, पाच वीडे व गणपती मांडावा.नवीन कपडे घालुन कपाळी कुंकुम -तिलक लावुन प्रारंभी इष्टदेवता ,घरातील वडील मंडळी यांना नमस्कार करुन पुजेस बसावे.

                   Lakshmi-pujan
                   पूजाविधी- आचमन प्राणायाम करून पुजेला सुरुवात करावी.पुढील संकल्प स्वंता थोडा-थोडा म्हणत यजमाना कडुन म्हणुन घ्यावा.                          संकल्प -मम महालक्मी प्रितीद्रारा विपुल ष्रीपाप्ती सन्मंगल महैश्वयॆ कुलाभ्यु दय सुखमृृध्द्या दिकल्पोत्क फल सिध्द्यथ् लक्ष्मीकुबेर पूजन तथा कुश लव्य वहार सिध्द्या चिरकालिक यशोर्थलाभ विजय  क्षेमादी संपत्त् अभीवृध्द्यथ्र लेखणी मषिपात्रादी उपकरण  सहिते आायव्यलेखपुस्तके सरस्वती पुजनं  करीष्ये. असे म्हणुन हातावरुन पाणी सोडावे. आदि निर्वीघ्नता सिध्द्यर्थ महागणपती पुजनं करीष्ये  !
Gaury puja -laxmi-puja
                       प्रथम तांदळाचे लहान ढिगावार मांडुन थेवलेल्या सुरापान  गणपतिचे आवाहन करुन पूजन करावे.नंतर कलशपूजन करुण, अपवित्र: पवित्रो वा, या मन्त्राने कलशातिल पळिभर पानी सर्वत्र शिंपदावे। नंतर दौत व ताकावर (फाऊंटन) महाकाल्यै नमः! महाकाली मवाह्यमि आसे महनुं अक्षत वाहव्यात। यापुढे प्रत्येक आवाह्यमिचे वेळी अक्षता वाहव्यात) ताम्हनातील- सोने-रूप्यावर महालक्ष्मी नमः महालक्ष्मी मवाह्यामि !ताम्हनात ठेवालेल्या सुपारी वर कुबेराय नमः कुबेरमावाहामि ! सर्व वह्यां वर महासरस्वत्यै नम: महासरस्वतीं आवाह्यामि! कलशा वर वरुणायनम: वरुणमाह्यामि! याप्रमाणे देवतांचे आवाहन करन त्यांचे ध्यान करावे. 
               ध्यानाचे मंत्र:
कमला चपला लक्ष्मीश्चला भूतिहारीप्रिय! पद्ममा पद्मामालया संपत् उचैै:श्री: पद्मधारिणी ! नमस्ते सर्व देवानां वरदासि हरीप्रिये ! या गतिस्त्वत् प्रपत्रानां सामेभुयात्व दर्चनात्!!  सर्वमंगला मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके!  शरण्य र्त्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुतते!  धनदात्यै नमस्तुभ्युं निजी पद्माधिपाय च -भवंतुत्वत् प्रसादान्मे धनधान्यादी संपदा : !
                                 हे मंत्र म्हणुन  महाकाली महालक्ष्मीवह मंत्र महनुं महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्य नहमा/कुबेरयनामः/या मैम मन्त्रने पूजा करावी। सोन, तो महासरस्वत्यै नम: /कुबेरायनमः /या नान  मंन्त्राने पूजा करावी। सोन, रुपे व कुबेराची सुपारीएवढे दूसरे ताम्हनात धोवन पाद्य, अध्येय, आचमन  स्नानपंचामृत स्नान, गंधोदक तैलाभ्यंग करावे. 
                      

                ..       (पंचोपचार पुजा करावी.श्रीसुक्ताने अभिषेक करुन लक्ष्मी पुसुन वरच्या  ) 
ताम्हनात सोने, रुपे व कुबेर ठेवावे.नंतर पुरोणोक्त   मंन्त्राने वह्यासह लक्ष्मी कुबेर पूजन पुढिल क्रमाने करावे गंध, अक्षता,हळद,कुंकु,अष्टगंध,अर्गजा,बुक्का,धने,गुळ,लाह्या,बत्तासे,फुले,धुप,दीप,नैवेध्य,(पेढ्यांचा), फल, ताबुल,दक्षिणा,आरती,मंन्त्रपुष्प,प्रदक्षिणा,अर्पन करताना वर दीलेल्या मंन्त्रानिच प्रार्थना करावी. 
                   

                         अनेन कृतपुजऩेन , महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वतीं प्री़यतां कुबेर :प्री़यतां,वरुनण:,प्री़यतां,कृतस्य कर्मण: सांगता सिध्द्यर्थ ब्राह्मण पुजनं करीष्ये?  असे म्हणुन ब्राह्मणाची गंध, अक्षता, फुलानी पुजा करून वाडा, दक्षिण द्यावी, ब्राह्मणाने यजमानाचे कपाळास यशस्करं बलवंत प्रभु त्वंतमेव राजाघिपतीबूर्भव!  संकीर्ण नागाश्व पतीर्नराणां सुमंगल्यं, सततं दीर्घमायु!!  या मंन्त्राने गंध लावावे व धणे,गुळ,लाह्या,बत्तासे,पेढे,व,नारळ असा प्रसाद द्यावा. यजमानाने उपाध्यायाच्या पायांवर मस्तक ठेवुन नमस्कार करावा.


Laxmi pujan Vidhi&Dewali Puja vidhi 2023

3)Dipawali par laxmi pujan kaise Kare -एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और वस्त्र पर अक्षत अर्थात साबुत चावलों की एक परत बिछा दें। इस पर श्री लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें। यदि घर में श्रीलक्ष्मी गणेश का चांदी का सिक्का और श्रीयंत्र भी हो तो उन्हें भी इसी आसान पर स्थापित करें। पूजन के लिए फूल, मिठाई, खील, बताशे आदि 

यान्तुदेवगन : सव्रे पुजामादय पार्थिवेत् इष्टीकामपसीध्द्यर्थ पुनरागमनाय च!  या मंन्त्राने गणपतीचे विसर्जन करावे जमलेल्या सर्व मंडळीना लाह्या व पेढे द्यावेत .
                           अशा प्रकारे शास्रशुध्द विधीने लक्ष्मी व कुबेराचे पूजन करावे. स्वकष्टाने प्रमाणीकपणे पैसे मिळावेत, योग्य कामासाठी पैसे खर्च करावेत व काही पैसे शील्लक ठेवावेत. लक्ष्मी मान सम्नान करावा. 
घरातील सर्वानी देवपुजा करावी घरात एक पवित्र वातावरण निर्माण होते. कुटुबातील संघर्ष कमी होउन समन्वयवृत्तीची वाढ होते. सुख-शांती समृध्दीचि वृध्दि होते. अनेक प्रकारच्या सकंट पासुन आपले रक्षण होते. 
       जीवन  मंगलमय बनते. प्रत्येक गोष्टितील सत्य, शिव, सुंदरतेचे भाव आपणास जाणवु लागतात, आनंदाचे राजमार्गावरुण जीवणाची वाटचाल करता येते.                     
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4)
Laxmi mata ka kounsa mantra hai 
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम: ये मां लक्ष्मी का बीज मंत्र माना जाता है. ऐसा माना जाता इस मंत्र के नियमित जाप करने से इंसान का आत्मविश्वास बढ़ता है. मान्यता है कि. इस मंत्रके जाप से आर्थिक तंगी नहीं रहती और इंसान के कष्ट दूर हो जाते हैं. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ?
           Laxmi pujan vidhi mantra sahit.
Laxmi pujan -Vidhi -hindhi&Dewali Puja vidhi 2023 मराठी



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     5)   एक आधुरी, प्रेम कहानी ,ek dard bhary, kahani Love ,sory    

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सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता! विघ्नाची नुर्वि  पूर्वी प्रेम कृपा जयाची !सर्वांगी सुंदर उटी  शेंदुराची !कंठि झळके माळ मुक्ताफलाची! जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति! दर्शनमात्रे मनकामना पूर्ति||धू|| रत्नखचिता फरा तुज गौरीकुमारा! चंदनाची उटी  कुंकुमकेशरा !हिरेजडीत मुगुट शोभतो हरा! रुणझुणती नुपुरें चरणि घागरिया  !जय!  लंबोदर पितांबर फणिवर बंदना ! सरल सोंड वक्रतुंड त्रिनयना!  दास रामाची वाट पाहे! सदना! संकटी पावावे निर्वानी रक्षावें सुरवंदना!जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति दर्शन तु सुखकर्ता तु दुखहर्ता ! विघ्नाशक मोरया  ! संकटी रक्षी शरण तुला मी ! गणपती बाप्पा मोरया! मंगलमूर्ति तु गणनायक वक्रतुंड तु सिध्दीविनायक !  तुझिया दारी आज पातलो ! देई चित्त मज ध्यावा!  तु संकलाचा भाग्यविधाता !तु विद्यचा स्वामी दाता! ग्यानदिप उजळुन आमुच्या ! निमवि नैराश्याला ! तु माता तु पिता जगी या! न्याना तु सर्वस्व जगी या! पामर मि उणे भारती! तुझी आरती गाया!  मंगलमुर्ति मोरया गणपती बाप्पा मोरया. 

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1)गणपती उपासना

वक्रतुंड महाकाय सुर्यकोटी समप्रभ !निर्विघ्न कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा [1]  
                           || श्री गणपती स्तोस्र||

जयजयाची गणपती !मज द्यावी द्यावी विपुल मती  ! करवया तुमची स्तुती! स्फुर्ती द्यावी मज अपार -[1]_तुझे नाम मंगलमुर्ति! तुच मज इंद्रचंद्र ध्याति ! विष्णु शंकर तुच पुर्जिती! अव्यया ध्याती नित्यकाळी [2] तुच नाव विनायक!  गजवदना तु मंगलमुर्ति तुच मंगलदायक!  सकळ !विघ्ने कलीमलदाहक ! नामस्मरणें भस्म होती  [3] मि तव चरणाची अंकित!  तव चरणों माझे प्रणिपात  ! देवाधीदेवा तु एकदंत!  प्ररिसे विग्यापना माझी [4] माझा लडीवाळ तुच करें! सर्वापरी तु मज सांभाळणे!  संकटमाझारी रक्षिणें ! सर्व करणें तुच स्वामी [5] गौरीपुत्रा तु गणपती!  परीसावी सेवकाची वीनंती-तुमचा अनन्यार्थी रक्षिणे सर्वार्थेची स्वामीया [6] तुच माझा बाप माय! तुच माझा दोहराया!  तुच माझी करीसी सोय!  अनाथनाथा गणपती [7] गजवदंना श्रीलंबोदरा!  सिध्दीविनायका भालचंद्र! करूणा वरदमुर्ती गजानना ! परशुहस्ता सिंदूवर्णा! विघ्ननाशना मंगलमुर्ति  (9) विश्ववंदना विघ्नेश्वर  ! मंगलधीशा  परशुधरा!  पापमोचन  ! सर्वेश्वरा  ! दीनबंधु नमन माझे (10)  नमन माझे शंभुतनया ¡ नमन माझे करुनालया !नमन माझे गणराया! तुज स्वामीया ! नमन माझे (11) नमन माझे गणराया ' नमन माझे गौरीतनया  ! भालचंद्रा मोरया तुझे नमन माझे  (12) नाही आशा स्तुतीचि!  नाही आशा तव भक्ताची!  सर्व प्रकारे तुझिया दर्शनाची!  आशा मनी उपजलि (13) मि मुध केवल अद्य्नान  ! ध्यानी तुझे सदा चरण लंबोदर मज देई दर्शन  ! कुपा करी जगदीशा (14) मतिमंद मि बालक  ! तुंची सर्वाचा चालक! भक्ताजनांचा पालक गजमुखा तुं होशी  (15) मि दरिद्रा अभागी स्वामी  ! चित्त जडावें तुझिया नामी!  अनन्य शरण तुझला मी ! दर्शन देई कृपाळुवा (16) हे गणपतिस्तोत्र जो करी पठन!  त्यासी स्वामी देई पै(17)त्यासी पिशाच्च भूत प्रित  ! न बाधीती कदाकाळांत!  स्वामिची पुजा करोनी यथास्थित!  स्तुतीस्तोत्र हे जपावें (18) होईल सिध्दी षण्मास हें जपतां ! नव्हे कदा असत्य वार्ता!  गणपतीचरणी माथा दीवाकरे ठेवीला (19) इती श्रीगणपतिस्तोत्रं संपुर्णम्  !           






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